Menu
blogid : 6683 postid : 953866

आने दो सावन

ओपन हार्ट
ओपन हार्ट
  • 87 Posts
  • 260 Comments

images (5)gvkhh

आने दो सावन
सावन मनभावन
मन की प्रीत उठे
बदरा बन बरसे
झूम- झूम
संगीत रिमझिमी
बूंदों का
उल्लास नया परिवेश
घटा घन घोर
चमक चहुँ ओर
सुलगता यौवन
चित की चाह लिए
बूंदों से सुरभित
गीत पनपते
तन मन में
कोयल की कू कू
षाडव से पंचम तक
गूँज उठे वन में
पुरवाई रह रह
याद करे मन मीत
कहाँ हो जाय बसे
विरहिन की सुध बुध
भूल गयी नाचे उमड़े
भीतर बाहर
थामे अपना ही दामन ……….
तो फिर ….
आने दो सावन
सावन मनभावन…….

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply