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महज़ तेरे लिए……..

ओपन हार्ट
ओपन हार्ट
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loveee
मुस्कराता हूँ,खुदी में डूब जाता हूँ
गुलों को तोड़ लता हूँ
उन्हें फिर से लगाता हूँ
महज़ तेरे लिए……

तरन्नुम सी हंसी तेरी
रिझाने की वजह मेरी
खतों की अनकही बातें
कई रोती हुई रातें
ज़माने से बचाता हूँ
महज़ तेरे लिए……

मुझे छू कर सहम जाना
कली का फूल हो आना
लटों का खुद बा खुद गिरना
मुहब्बत में तेरी मरना
ग़ज़ल से गुनगुनाता हूँ
महज़ तेरे लिए………

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