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मुझको प्रस्तर खंड बना दो,मुझको प्रस्तर खंड बना दो

ओपन हार्ट
ओपन हार्ट
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shaheed

मुझको प्रस्तर खंड बना दो
भरत भूमि की पर्व धूल का
राष्ट्र पुत्र के अग्र शूल का
वीर शहीदों की वेदी का
तुंग हिमालय नभ भेदी का
भारत ध्वज का दंड बना दो
मुझको प्रस्तर खंड बना दो
…………………….
आन्दोलन के तीव्र नाद सा
देश धर्म के पुण्य वाद सा
शौर्य कथा की निर्मलता सा
मातृ गान की शीतलता सा
अमर अनंत अखंड बना दो
मुझको प्रस्तर खंड बना दो
……………………
पीड़ित शोषित आर्तनाद सुन
समर क्षेत्र का काल पुरुष बन
कंटक हर व्याकुल जन मन का
वृद्ध रूग्ण के अवलंबन  का
मुझको सार्थक दंड बना दो
मुझको प्रस्तर खंड बना दो
……………………………..

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