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ये लगा की तुम आई हो, धीरे से मुस्काई हो…….

ओपन हार्ट
ओपन हार्ट
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virahi
करवट बदली
जब आँख खुली
पायल की धुन
रुन झुन रुन झुन
बिस्तर फेका
उठकर देखा
ये लगा की तुम आई हो
धीरे से मुस्काई हो
…………
पुरवाई चले
हौले हौले
रिमझिम रिमझिम
बारिश मध्यम
डाली डाली
कोयल बोली
ये लगा की तुम आई हो
धीरे से मुस्काई हो
…………..
कल रात कली
उजली उजली
चुपचाप खिली
भौरे से मिली
चहकी चहकी
खुशुबू महकी
ये लगा की तुम आई हो
धीरे से मुस्काई हो
…………..
चंदा खुलकर
मुझसे मिलकर
बातें करता
चलता जाता
बदली आई
मुझपर छाई
ये लगा की तुम आई हो
धीरे से मुस्काई हो
…………..

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