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तेरी मेरी प्रेम कहानी सबके घर अख़बार रही हैं ………………..

ओपन हार्ट
ओपन हार्ट
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virahi
कैसे कह दूं प्यार नहीं है
हाँ तुमको इकरार नहीं है
शोख जवानी चंचल यादें
रफ्ता रफ्ता मार रही हैं
………….
आकर देखो दीवाने को
पागल प्रेमी अनजाने को
रिमझिम रिमझिम ये बरसातें
कतरा कतरा काट रही हैं
………..
मेरे दिल की हालत देखो
बेसुध बेकल चाहत देखो
भीगी भीनी पलकें मेरी
क्यों इतनी लाचार रही हैं
………..
तंग गुलाबी ठंडी रातें
मीठी मीठी उलझी बातें
तेरी मेरी प्रेम कहानी
सबके घर अख़बार रही हैं

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