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लोगों से ‘वेश्या’ कहलाया

ओपन हार्ट
ओपन हार्ट
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lake-1trinbig
अस्मत खोकर भी मुस्काया
भूखे तन को भी बिचवाया
दिन में उजले रातों काले
लोगों से वेश्या कहलाया
…..
अपने स्वप्नों की बलि देकर
सारे सम्बन्धों को तज कर
फिर अपने को भी समझाया
लोगों से वेश्या कहलाया
…..
यौवन को झोली में रखकर
बेचा बाजारों में अक्सर
क्योंकर उसने ये अपनाया
लोगों से वेश्या कहलाया
…..
अक्सर चौराहों पर जाकर
केवल दो रोटी की खातिर
अपनी इज्ज़त को लुटवाया
लोगों से वेश्या कहलाया
…..
इज्ज़तदारों ने छुप छुपकर
उन्मादित हो मदिरा पी कर
बाला को वेश्या बनवाया
लोगों से वेश्या कहलाया
…..
अपने हाथों को भी धो लो
आँखें हो तो, आँखें खोलो
सबने मिलकर था नचवाया
लोगों से वेश्या कहलाया
…..
मज़बूरी में बेचे सपने
देहरी छूटी, छूटे अपने
हमने कोठे पर बिठलाया
लोगों से वेश्या कहलाया
…..

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