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आदमी में जानवर की जात है

ओपन हार्ट
ओपन हार्ट
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js12
मैंने उस दिन आईने से बात की
बात पूछी आदमी के जात की
आइना बोला, अजब सी बात है
आदमी में जानवर की जात है.

वर्षों पहले आदमी इंसान था
शांति, निश्छल-प्रेम की पहचान था
रुग्ण,निर्धन,वृद्ध का भगवान था,
आदमी अब, स्याह काली रात है
आदमी में जानवर की जात है.

आइना हूँ मै,सब कुछ जानता हूँ
शख्स की इंसानियत पहचानता हूँ
जिनका जीवन था सलाखों के लिए
आज उनके साथ ये बारात है,
आदमी में जानवर की जात है.

काट लेंगे, तो कभी- डस लेंगे वो
चूर कर देंगे सभी जज़्बात को
उनके पद ऊँचे, ताकतवर हैं वो
फिर किसी को लूटने की बात है,
आदमी में जानवर की जात है.

मैंने तुमको हर सुबह आवाज़ दी
आँख में फिर आँख डाली बात की
तुमको सदियों से दबाया जा रहा है
तुम भी बोलो- क्या तुम्हारी बात है?
आदमी में जानवर की जात है.

आदमी को आदमी बनना पड़ेगा
आईने को साथ ले चलना पड़ेगा
अपनी खातिर आपसे लड़ना पड़ेगा
आईने की साफ सुथरी बात है
आदमी में जानवर की जात है.

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